
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(एनटीए) की ओर से जाॅइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन(जेईई) मेन्स का रिजल्ट देर रात जारी कर दिया गया। एक सितंबर से 6 सितंबर तक ये परीक्षा करवाई गई, जिसमें दो हजार के करीब परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। बता दें कि जेईई मेन्स की जनवरी और सितंबर परीक्षा के परिणाम के आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग जारी की गई है। 27 सितंबर को जेईई एडवांस की परीक्षा करवाई जाएगी। शुक्रवार को घोषित किए गए रिजल्ट में अनुराग गुप्ता ने 99.97 परसेंटाइल हासिल कर सिटी में टॉप और आल ओवर इंडिया में 411 रैंक हासिल किया है।
जबकि पिछले साल इसी इंस्टीटयूट के उदय सिंगला ने 122वां रैंक हासिल किया था। आकाश इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर आकाश चौधरी ने बताया कि उनके इंस्टीटयूट से 11 स्टूडेंट्स के 99 से अधिक परसेंटाइल हासिल किए हैं। जिसमें अनुराग गुप्ता के अलावा रुद्रप्रताप सिंह, विनम्र जैन, यशांक अग्रवाल, अंशुल गोसाई, मेहुल कोशल, तनिष जैन, अरिजीत सिंह, मंजोत सिंह, हरीतिक, अंशुका गर्ग शामिल हैं।
इंजीनियर बहन शायना ने किया मोटिवेट, आईएएस बनना चाहता है अनुराग
अनुराग ने बताया कि उसने आकाश इंस्टीटयूट से ट्रनिंग ली है। टयूशन के बाद वह घर जाकर करीब दो घंटे स्टडी जरूर करता। परीक्षा के लिए समय डिवाइड किया हुआ था। ताकि परीक्षा के नजदीक आने पर दिक्कत न हो। जो पहले पढ़ा उसी पर ही फोकस किया। परीक्षा से पहले सप्ताह का शेड्यूल बना लिया था। आठ साल बड़ी बहन शायना गुप्ता ने मोटिवेट किया और पढ़ाई में मदद भी की जोकि हैदराबाद में कंप्यूटर इंजीनियर है।
वह भी आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई कर इंजीनियरिंग करना चाहता है और आईएएस अफसर बनना चाहता है। स्कूल स्टडी केवीएम स्कूल सिविल लाइन से की। 10वीं में 98.8 प्रतिशत और 12वीं नाॅन मेडिकल में 96.8 प्रतिशत अंक हासिल किए। पिता राजन गुप्ता(इंश्योरेंस एजेंट), मां सीमा मित्तल सरकारी नौहरियामल जैन स्कूल, भारत नगर चौक में मैथ्स टीचर हैं। अनुराग ने बताया कि उसे मूवी देखना पसंद है। अपना आइडल डाॅ. रघुराम राजन को मानते हैं क्योंकि उनकी किताबें अच्छी होती हैं।
एक्सपर्ट व्यू: ऑनलाइन स्टडी से गिरी रैंकिंग
- आरएस मॉडल स्कूल में एकेडमिक डायरेक्टर मोहन लाल कालड़ा का कहना है कि कोरोना के चलते इस बार रैंकिंग में फर्क पड़ा है। लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन स्टडी का भी असर देखने को मिला है। टीचर के सामने बैठकर न पढ़ाने और ऑनलाइन स्टडी का ही नतीजा है कि इस बार रैंकिंग कम आई।
- आकाश इंस्टीट्यूट के नॉन मेडिकल में हेड ऑफ द डिपार्टमेंट सुनील ने बताया कि बच्चों का अपना पोटेंशियल रहता है। पिछले से पिछले साल 300 के करीब रैंक था। उसके बाद बढ़ा और इस बार कम हो गया। अभी एडवांस का एग्जाम रहता है बच्चे उसमें बेस्ट करेंगे। परसेंटाइल सिस्टम के कारण बच्चों का ग्राफ पीछे हुआ है।
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