Featured Posts

गेहूं खरीद की तैयारियां मुकम्मल, इधर, विरोध में उतरा एफसीआई का क्वॉलिटी स्टाफ

(राणा रणधीर)15 अप्रैल यानी आज से गेहूंकी खरीद प्रक्रिया और चावल मिलिंग का काम एक साथ शुरू हो रहा है। इससे एफसीआई का क्वाॅलिटी स्टाफ पसोपेश में फंस गया है। क्वाॅलिटी स्टाफ ने सरकार को साफ किया है कि इन दोनों में से एक प्रक्रिया को पहले मुकम्मल करवाया जाए, क्योंकि स्टाफ इतना ज्यादा बोझ सहने की समर्था में नहीं है। क्वाॅलिटी स्टाफ मैनेजर बीएस चौहान ने बताया कि उन्होंने सरकार को लिखा है कि अब पहले गेहूं प्रक्रिया का काम पूरा करना चाहिए क्योंकि चावल मिलिंग का काम तो पहले भी कई बार लेट हो जाता है। इधर राइस मिलर्स एसोसिएशन ने कहा है कि अगर पंजाब में 20 अप्रैल तक राइस मिलिंग शुरू न हुई तो चावल खराब हो जाएगा। एसोसिएशन के प्रधान ज्ञान चंद भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने भी सरकार को चिट्ठी लिखकर गेहूं के साथ चावल मिलिंग शुरू करवाने की अपील की है।

कोराेना ने रोकी राइस मिलिंग की रफ्तार

राइस मिलर्स एसोसिएशन पंजाब ने कहा कि आम तौर पर राइस मिलिंग अक्टूबर से शुरू होकर 31 मार्च तक मुकम्मल हो जाती है, इस बार लाॅकडाउन होने तक 52% मीलिंग हो गई थी। अब अगर ज्यादा लेट होता है तो शैलर इंडस्ट्री तबाह हो जाएगी। कारण, अगर 20 अप्रैल तक मिलिंग शुरू नहीं होती तो लेबर जो शैलरों में रह रही है, वह भी चली जाएगी। दूसरा इफेक्ट चावल की क्वाॅलिटी पर पड़ेगा। तापमान बढ़ने पर चावल में चूड़ी (ब्रेकअप) भी 20 फीसदी की बजाय 40 फीसदी तक पहुंच जाती है।

रोजाना 25% मिलिंग से नहीं होगी गेहूं खरीद प्रक्रिया प्रभावित
राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान ज्ञान चंद भारद्वाज, सीनियर वाइज प्रेजीडेंट सत प्रकाश गोयल ने एफसीआई को पत्र लिख बीच का रास्ता सुझाया है। एसो. ने कहा कि गेहूं खरीद और राइस मिलिंग एक साथ मुश्किल है, इसलिए रोजाना 20 से 25 फीसदी मिलिंग ही की जाए। सूबे में 4200 शैलर्स हैं, ऐसे में रोजाना करीबन 800 शैलरों की मिलिंग भी होती है तो शैलर इंडस्ट्री को नुकसान से बचाया जा सकता है।

गेहूं की खरीद के लिए 1867 खरीद केंद्र और 1824 राइस मिलों को किया मंडी यार्ड घोषित

पंजाब में 15 अप्रैल से रबी सीजन 2020-21 की गेहूं की फसल की खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके प्रबंध कर लिए गए हैं। खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि भारत सरकार द्वारा गेहूं की खरीद के लिए निश्चित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य-1925/- रुपए और समूह खरीद एजेंसियों समेत एफसीआई के द्वारा गेहूं की खरीद की जाएगी।

राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्य की मंडियों में 135 लाख टन गेहूं आने की संभावना जताई गई है, जिसके मद्देनजर पनग्रेन 26 प्रतिशत (35.10), मार्कफैड 23.50 प्रतिशत (31.72), पनसप 21.50 प्रतिशत (29.02), वेयर हाउस 14 प्रतिशत (18.90) और एफसीआई 15 प्रतिशत (20.25) के बीच गेहूं की खरीद के शेयर/लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

30 अप्रैल के बाद मंडियों में गेहूं पर किसानों को बोनस दे केंद्र: कैप्टन

सीएम अमरिंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 30 अप्रैल के बाद मंडियों में गेहू्ं लाने वाले किसानों को बोनस देने की मांग की है। इससे मंडियों में भीड़ जमा होने से रोका जा सके। केंद्र को 1 मई के बाद मंडियों में गेहूं लाने वाले किसानों के लिए एमएसपी के अलावा 100 रुपए/क्विंटल और 31 मई के बाद गेहूं लाने वालों के लिए 200 रुपए/क्विंटल बोनस देने का ऐलान करना चाहिए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Preparations for wheat procurement complete, here, FCI's quality staff landed in protest


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VspWal

Post a Comment

0 Comments