
जेईई-मेन्स में 99.99 फीसदी नंबरों के साथ ऑल इंडिया लेवल पर 42वां रैंक हासिल करने वाले कार्तिक शर्मा अमृतसर और चंडीगढ़, दोनों के टॉपर हैं। अमृतसर के कार्तिक ने दसवीं के बाद की पढ़ाई पंचकूला में की है। कार्तिक मुंबई या दिल्ली आईआईटी से कंप्यूटर साइंस पढ़ना चाहते हैं।
स्प्रिंग डेल स्कूल के छात्र रहे कार्तिक ने 10वीं में 96 फीसदी लिए थे। उसके बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई उन्होंने पंचकूला के भवंस विद्यालय से की। 12वीं में 98.8 फीसदी अंक आने के बाद चंडीगढ़ के एक इंस्टीट्यूट से कोचिंग करने लगे और जब लॉकडाउन हुआ तो अमृतसर आ गए और बाकी स्टडी घर पर ही की।
अमृतसर में ही एग्जाम देने वाले कार्तिक के अनुसार वह किसी काम को अधूरा नहीं छोड़ते। यही उनकी सफलता का राज है। पढ़ाई में कहीं से मटीरियल लिया ताे उसे पढ़ा जरूर। एनसीईआरटी बुक्स पर फोकस रखा और दूसरों काे भी सलाह देंगे कि एनसीईआरटी की किताबें सबसे पहले पढ़ें क्योंकि एग्जाम में ज्यादातर सवाल उन्हीं में से पूछे जाते हैं।
पिता बैंक में चीफ मैनेजर, मां सरकारी लेक्चरर
मजीठा रोड पर रहने वाले कार्तिक के पिता हरीश शर्मा बैंक ऑफ इंडिया में चीफ मैनेजर हैं जबकि मां सरिता शर्मा गवर्नमेंट स्कूल में मैथ्स की लेक्चरर हैं। कार्तिक की बहन पटियाला में थापर इंस्टीट्यूट से बीटेक कर रही हैं।
रिलेक्स होने के लिए खेलते हैं बैडमिंटन
स्टडी के अलावा कार्तिक स्पोर्ट्स में भी अव्वल रहे हैं। स्प्रिंग-डेल स्कूल में पढ़ते हुए नेशनल लेवल तक शतरंज खेली। अब वह रिलेक्स होने के लिए बैडमिंटन खेलते हैं। रुटीन में मेडिटेशन और योगा करते हैं। उनके अनुसार, इससे पढ़ाई में फोकस बनाने में मदद मिलती है।
खुद पर कभी डाउट न करने की सलाह देने वाले राघव दिन में 2-3 घंटे पढ़ते थे, रोजाना एक टेस्ट देने का नियम

जेईई मेन्स में ऑल इंडिया लेवल पर 632वां रैंक लाने वाले राघव खुल्लर ने रोज सिर्फ 2-3 घंटे ही पढ़ाई की लेकिन जाे पढ़ा, उसका टेस्ट जरूर दिया। राेज एक टेस्ट देने वाले राघव अपने करियर को लेकर फोकस्ड हैं। डीएवी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र रहे राघव खड़गपुर आईआईटी से कंप्यूटर साइंस पढ़ना चाहते हैं।
कश्मीर एवेन्यू में रहने वाले राघव के अनुसार, वह पढ़ाई को बहुत ज्यादा समय नहीं देते मगर जो भी पढ़ते हैं, फोकस के साथ पढ़ते हैं। कोचिंग इंस्टीट्यूट की क्लास में भी सीखने काे मिला। रोज जो पढ़ता, उसका टेस्ट जरूर देता। राघव ने जनवरी में हुए जेईई-मेन्स में 99.8% अंक लिए थे। इस बार 99.95% अंकों के साथ ऑल इंडिया लेवल पर 632वां रैंक हासिल किया। राघव स्ट्रेस-फ्री रहने के लिए रोज कुछ देर बैडमिंटन खेलते हैं। वह सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहते हैं मगर अपनी पढ़ाई के समय से काेई समझौता नहीं करते।
मां होममेकर, पिता का शूज का बिजनेस...राघव की मां होममेकर हैं और पिता शूज का बिजनेस करते हैं। भाई नोएडा में वेब-डेवलपर का काेर्स कर रहा है। परिवार में दादा-दादी भी हैं।
खुद पर यकीन इसलिए दोनों बार री-इवेल्यूएशन भरा...राघव को जनवरी के एग्जाम में कुछ सवालों के आंसर्स पर डाउट हुआ तो री-इवेल्यूएशन भरा जिससे 5 नंबर बढ़ गए। इस बार भी केमिस्ट्री और मैथ्स के कुछ सवालों पर डाउट था इसलिए री-इवेल्यूएशन भरा जिसमें 10 नंबर बढ़े। राघव का कहना है कि खुद पर कभी डाउट न करें। अगर आपको खुद पर विश्वास है तो कोई आपको अंडर-एस्टिमेट नहीं कर सकता।
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