
फिरोजपुर.मक्खू गेट स्थित अंधविद्यालय के नेत्रहीनों को स्वावलंबी बनाने के लिएहोम फॉर दि ब्लाइंड संस्थान प्रयासरत है। विद्यालय पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से आए नेत्रहीनों को भी शिक्षा के साथ-साथ अन्य सुविधाएं देकर उनके जिंदगी में उजाला भर रहा है।
विद्यालय की प्रबंधन कमेटी के प्रयासों के चलते बीते वर्ष में 31 में से 18 नेत्रहीनों का सरकारी नौकरी के लिए सलेक्शन हुआ है। वहीं इससे पूर्व भी विद्यालय में रह चुके कई नेत्रहीन विभिन्न विभागों में नौकरियां कर रहे हैं। अंधविद्यालय के पास दो कांप्लेक्स हैं, जिनमें 33 नेत्रहीन रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
विद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी व पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह आ चुके हैं। होम फॉर दि ब्लाइंड के नाम से बने अंधविद्यालय की स्थापना 1954 में डॉ. साधु चंद ने की थी। उसके बाद से इस संस्थान में पंजाब व दूसरे राज्यों से आए नेत्रहीन इसे अपना ठिकाना बनाया व यहां रहते हुए ब्रेल लिपि व विद्यालय में दी जाने वाली म्यूजिक क्लास ज्वाइन कर शिक्षा ग्रहण की। यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद कई नेत्रहीन शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों में नौकरी पाकर अपना बेहतर जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
खेलों में भी कर रहे अच्छा प्रदर्शन
अंधविद्यालय में रह रहे नेत्रहीन शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं । बीते वर्ष एक 25 वर्षीय नेत्रहीन युवा हरियाणा की टीम के लिए क्रिकेट रणजी मैच भी खेल चुका है। वहीं यहां के नेत्रहीन संस्थान में तरह-तरह के खेल भी खेलते रहते हैं । और विशेष तौर पर ब्रेल लिपि में पाठयक्रम मिलता है तो वहीं यह रिकार्डिड पाठयक्रम के जरिए भी पढ़ाई करते हैं। परीक्षा में लिखने के लिए इन्हें विशेष तौर पर लिखने के लिए अन्य कक्षा का विद्यार्थी साथ लगाया जाता है जिसके जरिए यह अपनी लिखित परीक्षा देते हैं ।
जिला प्रशासन करता है विद्यालय का संचालन
होम फॉर दि ब्लाइंड का डिस्ट्रिक कौंसिल फॉर दि वेलफेयर ऑफ हैंडीकेप्ड संस्था व जिला प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में संचालन किया जा रहा है। इसमें संस्था के पदाधिकारियों के अलावा कुछ सदस्य प्रतिमाह सहयोग करते हैं। इसके अलावा शहर के लोग अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह या अन्य अवसरों पर नेत्रहीनों के लिए भोजन बुक करवा देते हैं व कभी-कभार कुछ दानी सज्जन यहां रह रहे नेत्रहीनों वस्त्र दे जाते हैं।
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