
पंजाब सरकार के ठेके खोलने के आदेश के बावजूद जिले में वीरवार को शराब का कोई ठेका नहीं खुला। पंजाब सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच एक्साइज ड्यूटी को लेकर पेंच फंसा हुआ है, इसके चलते ठेकेदार शराब के ठेके न खोलने पर अड़े हुए हैं। ठेकेदारों का कहना है कि सरकार साल 2019-20 की एक्साइज ड्यूटी 28 फरवरी को ही ली जा चुकी है। इसके बाद 21 मार्च से 31 मार्च तक ठेके बंद रहे हैं। उक्त 11 दिन ठेके बंद रहने के कारण प्रत्येक यूनिट ठेकेदार को घाटा हुआ हैै।
उनकी सरकार से मांग है कि उक्त 11 दिनों की बनती एक्साइज ड्यूटी वापस की जाए। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान डेढ़ माह तक ठेके बंद रहने के कारण इन दिनों का पूरा टैक्स माफ किया जाए। यही नहीं अब उन्हें थोड़े समय के लिए ठेके खोलने को कहा जा रहा है, जबकि टैक्स उन्हें पूरे दिन का भरना होगा। होम डिलीवरी करने से भी उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे।
शराब ठेकेदारों के अनुसार शराब के ठेके औसतन 14 घंटे खुलते थे। सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक ठेके की सेल 20 फीसदी होती है जबकि चार बजे से 10 बजे तक 80 फीसदी सेल होती है। बुधवार तक दुकानों के खुलने का समय सुबह 9 बजे से 1 बजे तक था। इससे वे असमंजस में थे। शराब ठेकेदार प्रति घंटे के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि होम डिलिवरी करने का भी अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। शराब ठेकेदारों ने कहा कि उनकी लागत पहले से भी ज्यादा बढ़ जाएगी और ऐसे में उनको भारी नुकसान हो सकता है।
ठेकों का समय 4 से बढ़ा 8 घंटे किया दुकानें खोलने का समय 4 घंटे बढ़ाया
डिप्टी कमिश्नर अरविंद पाल सिंह ने जिले में विभिन्न क्षेणी की दुकानों को कर्फ्यू के दौरान 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ खोलने की ढील दी है। इसमें शराब के ठेकों का भी समय 4 घंटे बढ़ा दिया है मगर इसके बावजूद ठेकेदार शराब के ठेके खोलने को तैयार नहीं हैं। अगर किसी ग्राहक द्वारा होम डिलीवरी की मांग की जाती है तो हिदायतों की पालना करते हुए ग्राहक को होम डिलीवरी भी इस समय के दौरान की जा सकती है। सहायक आबकारी व कर कमिश्नर फाजिल्का यह कार्यवाही यकीनी बनाएंगे। बता दें कि शराब के ठेके खोलने का समय सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक निश्चित किया गया था, जिसे बढ़ाकर अब सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक किया गया है।
शराब के शौकीन बोले- सरकार का होम डिलीवरी का फैसला जायज
शराब पीने के शौकीन लोगों ने सरकार के होम डिलिवरी के फैसले को जायज ठहराया है। उनको बेसब्री से शराब के ठेके खुलने का इंतजार है। वहीं, कुछ लोग इस फैसले को गलत ठहरा रहे है। शराब पीने के शौकीन एक व्यक्ति ने कहा कि शराब के ठेके पर लाइन में लगने से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है। बढ़िया है कि घर बैठे ही उनको शराब मिल जाए और समय की तो बचत होगी। बता दें कि आबकारी एवं कराधान कानून-1994 में शराब की होम डिलीवरी का प्रावधान नहीं है लेकिन विभाग ने होम डिलीवरी की विशेष छूट दी है। यह छूट तब तक जारी रहेगी, जब तक ठेके पूरे समय के लिए नहीं खुल जाते।
इन वेंडरों को इजाजत
जिन वेंडरों ने 2020-21 के लिए लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए 23 मार्च तक बकाया राशि फीस जमा दी होगी।
जिन लाइसेंस को रिन्यू का विकल्प दिया गया है और 23 मार्च तक उनकी देनदारी बकाया है, उन्हें इस शर्त पर ठेका खोलने की इजाजत होगी कि वह दो दिनों में 23 मार्च तक का भुगतान करेंगे।
नए ग्रुप जिन्होंने 50 फीसदी अपनी लाइसेंस फीस जमा नहीं करवाई है, वह अपनी फीस जमा करवाकर ठेका खोल सकते हैं।
अवैध शराब के धंधे से भी लग रही है चपत
फाजिल्का क्षेत्र में कर्फ्यू में अवैध शराब का धंधा करने वाले लोग खूब चांदी लूट रहे हैं और इसका सीधा नुकसान शराब ठेकेदारों को पहुंच रहा है क्योंकि ये लोग शराब ठेकों के मुकाबले सस्ते दाम में शराब दे रहे हैं। इस समय पुलिस का सारा ध्यान कोरोना पर केंद्रित है, जिसके चलते शराब तस्करों की राह काफी आसान हो रही है। इसलिए ठेकेदार मात्र 4 घंटे ठेके खोलकर सरकार को देने वाले टैक्स की भरपाई नहीं कर सकते।
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