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मुख्य प्लेेटफार्म 500 मीटर पीछे शिफ्ट कर ट्रैक को पिलर पर उठाया जाएगा, डलहौजी बाईपास तक 10 क्रासिंग गेट होंगे कवर

पठानकोट (शिवबरन तिवारी).पठानकोट शहर को ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए 250 करोड़ वाले पठानकोट-जोगिंदर नगर नैरोगेज रेलवे एलीवेटेड ट्रैक के लिए केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की कांग्रेस सरकार के बीच क्रेडिट वार शुरू हो गया है। हालांकि यह प्रोजेक्ट कब शुरू होगा और कब पूरा होगा इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।


रेलवे अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित एलिवेटेड ट्रैक 3.34 किलोमीटर लंबा होगा, जो पठानकोट स्टेशन से डलहौजी बाईपास क्रासिंग तक 10 गेटों को कवर करेगा। दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर शहर में ट्रैक पिलरों पर खड़ा किया जाएगा ताकि यातायात प्रभावित न हो। इसके लिए ढांगू रोड क्रासिंग स्टेशन के करीब होने के कारण ट्रैक को फिजिबल ढलान देने से मौजूदा नैरोगेज प्लेटफार्म नं.4 को 500 मीटर तक पश्चिम की ओर आगे ले जाया जाएगा। एलिवेटेड ट्रैक नैरोगेज ट्रैक पर गेट नं. सी-1, बी-2, सी-3, सी-4, बी-5, बी-6, सी-6, सी-7, सी-8 और स्पेशल गेट ए-8 के ऊपर से गुजरेगा। इससे लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी।

ताजा स्थिति

पठानकोट नैरोगेज सिटी स्टेशन से डलहौजी बाई पास रोड तक 10 क्रासिंग गेट हैं। ट्रैक पर दिन भर में 7 ट्रेनें अप तथा 7 डाउन गुजरती हैं और 14 बार सभी गेट बंद होते हैं और हर बार इस प्रक्रिया में 25 मिनट का समय लगता है, जब दोनों तरफ का ट्रैफिक रुक जाता है। रोजाना दिन में साढ़े 5 से छह घंटे गेट बंद रहते हैं।

अधिक ट्रैफिक वाली मेजर क्रासिंग ढांगू रोड, काली माता मंदिर और डलहौजी रोड बाईपास हैं जिनके अलावा कैंपवेल रोड, एसडीएम कोर्ट, टेलीफोन एक्सचेंज, प्रीतनगर, रामपुरा, ईश्वनर नगर, डा. अजय महाजन हास्पिटल, रामशरमण कालोनी गेट हैं।

नाक की लड़ाई क्यों बना यह प्रोजेक्ट

पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरोगेज रेलवे लाइन पर शहर के बीच एलीवेटेड ट्रैक बनाने के 250 करोड़ के प्रस्तावित प्रोजेक्ट पर सांसद और सिने स्टार सनी देओल व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच क्रेडिट का हाल यह है कि बाकायदा पठानकोट लाइव ग्रुप में आनलाइन पोलिंग कराई जा रही है कि क्रेडिट अमित विज का है या सासंद सनी देओल का।

बता दें कि रेलवे द्वारा 27 नवंबर को 50 फीसदी हिस्सा देने की सहमति जताई थी इस पर सनी देओल ने ट्वीट कर रेलवे का आभार जताया था और कहा था कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए कैप्टन से मिलने के लिए समय मांगा था लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया। इसके बाद 30 दिसंबर को सूबा सरकार ने भी रेलवे को पत्र लिख सहमति जताई थी।

रेलवे का बचेगा सालाना 2 से 2.5 करोड़

एलिवेटेड ट्रैक बनने में एकमुश्त तो पैसा खर्च होगा लेकिन 10 गेटों पर 30 मुलाजिम काम करते हैं जिनकी महीने की सैलरी 20 लाख के करीब बनती है और सालाना 2 करोड़ से अधिक। एलिवेटेड बन जाने के बाद ये सभी मुलाजिम हट जाएंगे। ‌‌वहीं दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद अश्वनी शर्मा ने एक बार फिर भास्कर से कहा कि एलीवेटेड ट्रैक पठानकोट का बड़ा प्रोजेक्ट है और इसके लिए सांसद सनी देओल ने पूरी कोशिश की। पंजाब सरकार यदि अपना हिस्सा देने के लिए तैयार हो गई है तो बजट में फंड भी अलाॅट करे।



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पठानकोट जंक्शन रेलवे स्टेशन। फाइल


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